घर में पितृ दोष के लक्षण कैसे पता करें ? पितृ दोष के उपाय :

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घर में पितृ दोष के लक्षण >> आप कैसे पता करेंगे

 पितृ दोष क्या है और कैसे पता चलेगा जानने केलिए हमारे साथ बने रहिए मित्र नमस्कार हमारे नाम से आपका स्वागत है । पित्र दोष के बारे में अधिकांश लोगों को पता नहीं है जिसके कारण परिवारिक समस्याएं हमेशा बने रहते हैं । प्रिय मित्रों पितृदोष का प्रभाव अगर आपके संसारिक जीवन में पड़े हैं तो आपके लिए बहुत ही परेशानी का सामना करना पड़ेगा । इसलिए पितृ दोष से निकलना हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है । प्रिय मित्र अगर आप सारे जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आपके लिए यह पोस्ट बहुत ही महत्वपूर्ण होगा हमारे साथ बने रहिए । 


जानिए पितृ दोष क्या है ?


 नवम पर जब सूर्य और राहू की युति हो रही हो तो यह माना जाता है कि पितृ दोष योग बन रहा है। शास्त्र के अनुसार सूर्य तथा राहू जिस भी भाव में बैठते है, उस भाव के सभी फल नष्ट हो जाता है। व्यक्ति की कुण्डली में एक ऎसा दोष है जो इन सब दु:खों को एक साथ देने की क्षमता रखता है, इस दोष को पितृ दोष के नाम से जाना जाता है।

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कुन्डली का नवां घर धर्म का घर कहा जाता है, यह पिता का घर भी होता है, अगर किसी प्रकार से नवां घर खराब ग्रहों से ग्रसित होता है तो सूचित करता है कि पूर्वजों की इच्छायें अधूरी रह गयीं थी, जो प्राकृतिक रूप से खराब ग्रह होते है वे सूर्य मंगल शनि कहे जाते है और कुछ लगनों में अपना काम करते हैं, लेकिन राहु और केतु सभी लगनों में अपना दुष्प्रभाव देते हैं ।  नवें भाव का मालिक ग्रह, नवां भाव चन्द्र राशि से और चन्द्र राशि से नवें भाव का मालिक अगर राहु या केतु से ग्रसित है तो यह पितृ दोष कहा जाता है । इस प्रकार का जातक हमेशा किसी न किसी प्रकार की टेंसन में रहता है, उसकी शिक्षा पूरी नही हो पाती है, वह जीविका के लिये तरसता रहता है, वह किसी न किसी प्रकार से दिमागी या शारीरिक रूप से अपंग होता है।

अगर किसी भी तरह से नवां भाव या नवें भाव का मालिक राहु या केतु से ग्रसित है तो यह सौ प्रतिशत पितृदोष के कारणों में आजाता है। अगर आपके साथ भी कुछ इस तरह हो रहा है तो जान लिजिए कि आपका साथ पितृदोष के कारण हो रहा है । घबराने की कोई आवश्यकता नहीं आप इससे भी निवारण पा सकते हैं ।


"पितृ दोष के उपाय लाल किताब 


सोमवती अमावस्या को (जिस अमावस्या को सोमवार हो) पास के पीपल के पेड के पास जाइये, उस पीपल के पेड को एक जनेऊ दीजिये और एक जनेऊ भगवान विष्णु के नाम का उसी पीपल को दीजिये, पीपल के पेड़ की और भगवान विष्णु की प्रार्थना कीजिये, और पीपल पेड़ के चारों और 108 बार परिक्रमा कीजिए, हर परिक्रमा के बाद एक मिठाई जो भी आपके स्वच्छ रूप से हो पीपल को अर्पित कीजिए

। परिक्रमा करते समय ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः 🙏  मंत्र का जाप करते जाइये। परिक्रमा पूरी करने के बाद फ़िर से पीपल के पेड और भगवान विष्णु के लिये प्रार्थना कीजियेगा और जो भी जाने अन्जाने में अपराध हुये है उनके लिये क्षमा मांगिए। सोमवती अमावस्या की पूजा से बहुत जल्दी ही उत्तम फ़लों की प्राप्ति होने लगता है।


एक और उपाय है कौओं और मछलियों को चावल और घी मिलाकर बनाये गये लड्डू हर शनिवार को दीजिये। पितर दोष किसी भी प्रकार की सिद्धि को नहीं आने देता है। सफ़लता कोशों दूर रहती है और व्यक्ति केवल भटकाव की तरफ़ ही जाता रहता है। लेकिन अगर कोई व्यक्ति माता काली का उपासक है तो किसी भी प्रकार का दोष उसकी जिन्दगी से दूर रहता है। लेकिन पितर जो कि व्यक्ति की अनदेखी के कारण या अधिक आधुनिकता के प्रभाव के कारण पिशाच योनि मे चले जाते है, वे देखी रहते है, उनके दुखी रहने का कारण मुख्य यह माना जाता है कि उनके ही खून के होनहार उन्हे भूल गये है और उनकी उनके ही खून के द्वारा मान्यता नहीं दी जाती है। पितर दोष हर व्यक्ति को परेशान कर सकता है इसलिये निवारण बहुत जरूरी है।

मुझे आशा है कि आपको यह पोस्ट पसंद आया होगा तो एक कमेंट तो बनता है । 👍 आपका दिन शुभ हो मंगलमय हो 🙏

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