हिंदुओं की संस्कृति बहुत पुराने हैं आर मंदिर का बात किया जाए तो एक से एक मंदिर का ऐसे इतिहास है कि कभी भुला नहीं जाएंगे । तो मित्रो आइए मैं आपको अक्षरधाम मंदिर का इतिहास बताएंगे जहां हमारे पूर्वजों की निशानी ही नहीं अपना आस्था है छोड़े है हमारे लिए।
पूरे विश्व में कितना मंदिर है शायद यह बताना मुमकिन नहीं । क्योंकि हिंदुओं की करोड़ों मंदिर दूसरे धर्म के लोग ध्वस्त करके अपना मजहब चिन्ह बना दिया गया और छुपा दिया गया । वर्तमान धीरे धीरे कहीं कहीं जगह में खुदाई के वक्त हिंदू मंदिर का निशानी मिल रहे हैं। कहीं भी मंदिर हो सच्चा इतिहास सबके सामने आ ही जाते हैं । परंतु अक्षरधाम एक ऐसा मंदिर है जहां दूसरे धर्म के लोग ध्वस्त करने में नाकाम रहा । इसका चमत्कार तो जरूर होंगे नहीं तो इतना अच्छा भव्य मंदिर कैसे छोड़ दिया उन क्रूर मुगल राजाओं ने ।
अक्षरधाम मन्दिर को गुलाबी, सफेद संगमरमर और बलुआ पत्थरों के मिश्रण से निर्माण किया गया है। इस मंदिर को बनाने में स्टील, लोहे और कंक्रीट इन सब सामान दोस्तों इस्तेमाल नहीं किया गया। मंदिर को बनाने में लगभग 5 साल का समय लगा था। श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था के प्रमुख स्वामी महाराज के नेतृत्व में इस मंदिर को बनाया गया था। करीब 100 एकड़ भूमि में फैले हुए इस मंदिर को 11 हजार से ज्यादा कारीगरों की सहायता से निर्माण किया गया। पूरे मंदिर को पांच प्रमुख भागों में विभाजित किया गया है। मंदिर में उच्च संरचना में 👉234 नक्काशीदार खंभे हैं । 👉9 अलंकृत गुंबदों हैं । 20 शिखर होने के साथ 👉20,000 मूर्तियां भी शामिल हैं। मंदिर में ऋषियों और संतों की प्रतिमाओं को भी स्थापित किया गया है।
मंदिर में प्रतिदिन शाम को दर्शनीय फव्वारा शो का आयोजन किया जाता है। इस शो में जन्म, मृत्यु चक्र का उल्लेख किया जाता है। मंदिर के अंदर में कई कहानियों का बयां किया जाता है। यह मंदिर सोमवार को बंद रहता है। अक्षरधाम मंदिर में 2870 सीढियां बनी हुई हैं। मंदिर में एक कुंड भी है, जिसमें भारत के महान गणितज्ञों की महानता को दर्शाया गया है। यह मंदिर दिल्ली क्षेत्र में स्थापित है ।
दोस्तों अक्षरधाम में जो कुंड आपको दिखाई देता है यह कुंड दुनिया के सबसे बड़ा कुंड मनाया जाता है । यहां का जो नजारा है आप एक बार देखेंगे तो बार-बार आपको इस मंदिर में जाने की इच्छा जागृत होंगे । चमत्कार बात तो यह है दोस्तों मुगलों ने भी इस मंदिर पर आक्रमण करने की कोशिश किया मगर ईश्वर की कृपा यहां तक मुगलों की आगमन हो नहीं सका अगर मुगलों की आक्रमण यहां हो जाता तो यह मंदिर भी आपको नजर नहीं आते बल्कि यहां पर मस्जिद नजर आ जाता है तो दोस्तों यही था आपके लिए चमत्कारी जानकारी ।
प्राचीन इतिहास को कितने भागों में बांटा गया है